इन दिनो पूरे विश्व में जिस तरह से साइबर अटैक के मामले सामने आ रहे है उसे देखते हुए साइबर सुरक्षा को लेकर तमाम तरह के एहतियात बरते जा रहे है मगर आपको यह भी बता दे की चाहे कोई लाख दावे कर ले, मगर इंटरनेट की दुनिया में कुछ भी साफे नहीं है और तो और इसकी सुरक्षा को लेकर जीतने लोग लगे हुए है उससे कहीं ज्यादा तो उसे तोड़ने और उससे छेड़छाड़ करने के लिए बैठे पड़े है और शायद यही वजह है कि साइबर की दृष्टि से दुनिया का सबसे सुरक्षित माने जाने वाले गूगल को भी कुछ ऐसे ही साइबर अपराधियों ने चुनौती दे ड़ाली है।
असल में अभी कुछ ही दिनों पहले ऐसा पता चला है की गुगल प्ले स्टोर जहां से आपके स्मार्टफोन में चलने वाले सभी ऐप डाउनलोड किये जाते है उसी प्ले स्टोर पर वाट्सएप का फर्जी ऐप भी आ गया है और सबसे चिंता की बात ये है कि इस फेक ऐप को अभी तक 10 लाख लोग डाउनलोड भी कर चुके हैं.
इतना पढंगे के बाद निश्चित रूप से आपके मन में भी ये सवाल जरूर उठ रहा होगा कि यह कैसे संभव है कि वाट्सएप जो कि प्ले स्टोर पर मौजुद सबसे ज्यादा लोकप्रिय ऐप में से एक है भला उसका कोई कैसे फर्जी ऐप बना सकता है, और उससे भी ज्यादा परेशानी वाली बात तो ये है कि ये फर्जी ऐप असली डेवलपर के नाम से कैसे। असल मैं यहां आपको बता दें कि ये सब साइबर क्राइम का हिस्सा है जहां हैकर्स ने अपने शातिर दिमाग का इस्तेमाल करते हुए डेवेलपर नेम की जगह WhatsApp Inc दिखाने के लिए एक ट्रिक का इस्तेमाल किया है। जानककरों की माने तो ऐसा एक खास तरह के यूनिकोड के जरिए किया जा सकता है।
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