अगले महीने होली के त्योहार पर घर जाने के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। त्योहार मनाने के लिए अधिकांश ट्रेनों में सीटें अभी से फुल हो गई हैं। वहीं रेलवे ने कई अहम ट्रेनों को 31 मार्च तक के लिए कैंसिल कर दिया है। वहीं हवाई किराया भी महंगा होना शुरू हो गया है। इससे लोगों के पास केवल बसों और अपनी गाड़ियों से घर जाने का विकल्प बचा है।
31 मार्च तक कैंसिल हुई कई गाड़ियां
कोहरे के नाम पर रेलवे ने जो ट्रेनें 15 फरवरी तक कैंसिल की थीं, उनका निरस्तीकरण 31 मार्च तक बढ़ा दिया गया है। इससे हजारों यात्रियों को मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा। उत्तर व पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन की ओर से दर्जनों ट्रेनों को कोहरे के नाम पर कैंसिल कर दिया गया था।
इसमें जम्मू, पंजाब की ओर जाने वाली गाड़ियां शामिल थीं। इन ट्रेनों को रेलवे ने 15 फरवरी तक निरस्त किया था, अब जब रेल यात्रियों ने ट्रेनों का निरस्तीकरण पूरा होने के बाद आगे की तिथियों में रिजर्वेशन करवा रखे थे, उन्हें निरस्तीकरण बढ़ने से झटका लगा है। हजारों पैसेंजर परेशान होने तय हैं।
इसमें जम्मू, पंजाब की ओर जाने वाली गाड़ियां शामिल थीं। इन ट्रेनों को रेलवे ने 15 फरवरी तक निरस्त किया था, अब जब रेल यात्रियों ने ट्रेनों का निरस्तीकरण पूरा होने के बाद आगे की तिथियों में रिजर्वेशन करवा रखे थे, उन्हें निरस्तीकरण बढ़ने से झटका लगा है। हजारों पैसेंजर परेशान होने तय हैं।
इन प्रमुख ट्रेनों को किया गया कैंसिल
रेलवे ने जनता, गोमती, डबल डेकर, फरक्का, आम्रपाली और बरौनी एक्सप्रेस सरीखीं करीब ढाई दर्जन से ज्यादा ट्रेनों को 15 फरवरी तक निरस्त किया था। लेकिन अब इन ट्रेनों का निरस्तीकरण 31 मार्च तक बढ़ा दिया गया है।
बढ़ा हवाई किराया
लखनऊ से दिल्ली व मुम्बई जाने वाले हवाई यात्रियों के लिए भी वापस लौटना कम खर्चीला नहीं होगा। दरअसल, हवाई किराया अभी बढ़ना शुरू हो गया है, जो होली के आसपास आठ से दस गुना तक होने की आशंका जताई जा रही है।
लखनऊ से दिल्ली जाने वाली फ्लाइटों का किराया जहां दो हजार रुपये से सात हजार तक पहुंच गया है। लखनऊ से मुम्बई का किराया चार से बारह हजार के बीच पहुंच गया है।
लखनऊ से दिल्ली जाने वाली फ्लाइटों का किराया जहां दो हजार रुपये से सात हजार तक पहुंच गया है। लखनऊ से मुम्बई का किराया चार से बारह हजार के बीच पहुंच गया है।
शताब्दी, राजधानी में अभी सीटें खाली हैं।
हालांकि अभी भी अन्य ट्रेनों के मुकाबले वीआईपी ट्रेन शताब्दी और राजधानी में काफी सीटें खाली चल रही हैं। इन ट्रेनों में फ्लैक्सी प्राइसिंग लागू है, जिससे हर दस प्रतिशत सीटों के टिकट बिकने पर किराया बढ़ जाता है और अधिकतम किराया करीब 6 हजार रुपये तक पहुंच जाता है।
उदाहरण के लिए लखनऊ से दिल्ली चलने वाली स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस में नौ, दस व 11,12 फरवरी को वेटिंग हैं। यह क्रमश: 66, 124 व 75 है। 12 से 23 फरवरी तक शताब्दी में बम्पर सीटें खाली हैं। जो क्रमश: 223, 500, 336, 275, 371, 41, 535, 641, 462, 700, 629 व 610 सीटें खाली हैं।
उदाहरण के लिए लखनऊ से दिल्ली चलने वाली स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस में नौ, दस व 11,12 फरवरी को वेटिंग हैं। यह क्रमश: 66, 124 व 75 है। 12 से 23 फरवरी तक शताब्दी में बम्पर सीटें खाली हैं। जो क्रमश: 223, 500, 336, 275, 371, 41, 535, 641, 462, 700, 629 व 610 सीटें खाली हैं।
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