केंद्र की मोदी सरकार ने बैंकिंग क्षेत्र में सुधार के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के तीन बैंकों – बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक- के विलय को मंजूरी दे दी है।
यह विलय 1 अप्रैल 2019 से लागू होगा। इस विलय के साथ ही देना बैंक और विजया बैंक के करोड़ों खाताधारकों की पासबुक और चेकबुक रातोंरात बदल सकती हैं।
यानी आपको 31 मार्च के बाद लेनदेन के लिए नई पासबुक और चेकबुक का इस्तेमाल करना पड़ सकता है। इस विलय के बाद बनने वाले बैंक ऑफ बड़ौदा के पास कुल 9401 बैंक शाखाएं और कुल 13432 एटीएम हो जाएंगे।
मंत्रिमंडल बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि विजया बैंक और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय होगा।
इस विलय के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा, सार्वजनिक क्षेत्र का भारतीय स्टेट बैंक के बाद दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा। प्रसाद ने बताया कि इस विलय से वैश्विक स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी बैंक बनेगा।
इससे बैंक का नेटवर्क बढ़ने के साथ ही कम लागत पर जमा के अतिरिक्त तीनों बैंक की सहयोगियों के बीच बेहतर तालमेल से उत्पादकता बढ़ने और ग्राहकों तक पहुंच बढ़ेगी।
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